व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने उन ख़बरों को इंकार किया है, जिसमें व्हाइट हाउस ने ब्रिटिश खुफिया एजेंसी पर डोनाल्ड ट्रंप की जासूसी करने का अरोप लगाने के बाद खेद जताने की बात का ज़िक्र किया है। गुरुवार को 'फॉक्स न्यूज' की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए स्पाइसर ने कहा था कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के इशारे पर देश में पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान ब्रिटिश खुफिया एजेंसी ने 'ट्रंप टावर' की जासूसी की थी।
शुक्रवार दोपहर सीएनएन ने स्पाइसर के हवाले से कहा कि उन्हें किसी भी बात पर अफसोस नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि क्या इस मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन ने ब्रिटिश सरकार से खेद जताया है? तो उन्होंने कहा, 'बिल्कुल नहीं'। हम सिर्फ खबरों की बात कर रहे थे।'
यह मुद्दा जर्मनी चांसलर एंजेला मर्केल के अमेरिका दौरे के दौरान ट्रंप के साथ उनके संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में भी उठा, जब राष्ट्रपति ने कहा था, 'हमने कुछ नहीं कहा। हमने जो भी कहा, उसे टीवी पर एक जिम्मेदार व्यक्ति ने कहा था। मैंने इस पर कोई राय नहीं बनाई।'
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जासूसी के दावों पर ब्रिटेन सरकार से खेद जताने से व्हाइट हाउस का इनकार इस संबंध में खबरों के बाद आया है, जिसमें कहा गया कि अमेरिकी प्रशासन ने स्पाइसर के बयान को लेकर ब्रिटेन से खेद जताया।
शुक्रवार को आई 'सीएनएन' रिपोर्ट में व्हाइट हाउस के एक अधिकारी के हवाले से कहा गया कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच. आर. मैक्मास्टर ने अपने ब्रिटिश समकक्ष मार्क लायल ग्रैंट से गुरुवार को इस मुद्दे पर बात कही जिसमें उन्होंने कहा कि स्पाइसर ने 'अनजाने' में यह टिप्पणी की।
वहीं शुक्रवार को ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के एक प्रवक्ता ने व्हाइट हाउस के इन आरोपों को वापस लेनी की बात कही थी । उन्होंने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा 'हमने (अमेरिकी) प्रशासन से स्पष्ट कर दिया कि ये दावे हास्यास्पद हैं और इन्हें नजरअंदाज किया जाना चाहिए।'
'जासूसी के दावों पर व्हाइट हाउस ने ब्रिटेन से खेद नहीं जताया।'
Source : IANS