अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आमने सामने हैं. दोनों के बीच सीधा मुकाबला है. इन सबके बीच, व्हाट हाउस ने एलान किया कि बाइडन प्रशासन बिना दस्तावेज रह रहे लोगों को अमेरिका में बसने और नागरिकता के लिए आवेदन करने की इजाजत देगा. बाइडन प्रशासन के इस फैसले से पांच लाख से अधिक इमिग्रेंट्स को फायदा मिल सकता है. इसे पैरोल-इन-प्लेस ग्रीन कार्ड कहा जा रहा है.
क्यों है नया प्रपोजल चर्चा में
यह एक लीगल तरीका है. इसकी मदद से अमेरिका में बिना दस्तावेज रह रहे लोगों और उनके परिजनों को कानूनन अनुमति मिल सकती है. इसके माध्यम से वे स्थाई नागरिकता के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. इस योजना के तहत उन लोगों को अमेरिका रखा जाएगा, जिन्होंने अमेरिकी नागरिक से शादी की हो और करीब 10 साल अमेरिका में गुजारे हों. इसके अलावा, उन बच्चों को भी अनुमति मिलेगी, जिनके माता या पिता कोई एक अमेरिका के नागरिक हों. योजना का लाभ उठाने के बाद लोग ग्रीन कार्ड के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप का अलग ही रुख
बता दें, जो बाइडन के एलान को चुनावी स्टंट के रूप में देखा जा रहा है. वहीं, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वे सत्ता में आए तो बगैर दस्तावेज रह रहे लोगों को अमेरिका से बाहर का रास्ता दिखाएंगे.
क्या होता है ग्रीन कार्ड
अमेरिकी सरकार लोगों को अपने देश में रहने और काम करने की अनुमति देने के लिए एक कार्ड जारी करते हैं. इसे स्थाई निवासी कार्ड भी कहा जाता है. यह एक स्थाई वीजा है. इसे ग्रीन कार्ड भी कहा जाता है. इसके मदद से आप जब चाहें, अमेरिका से आ जा सकते हैं.
ग्रीन कार्ड की कैटेगरी
- फैमिली बेस्ड ग्रीन कार्ड.
- ग्रीन कार्ड रोजगार के आधार पर भी बनते हैं. इसमें विभिन्न चरण हैं, जिनसे दूसरों को भी रोजगार मिलता है.
- अगर आपको रिफ्यूजी स्टेटस मिल गया फिर इसके बाद भी लोग ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं.
- अमेरिका में जिन देशों से कम इमिग्रेशन है, उन्हें लेने के लिए भी एक कैटेगरी बनाई गई है. इस सुविधा को डायवर्सिटी लॉटरी कहा जाता है.
- हिंसा या ह्यूमन ट्रैफिकिंग से पीड़ित लोग भी ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसमें यू और टी तरह के दो वीजा होते हैं.
- अमेरिका में लंबे समय से रहने वाले लोग भी ग्रीन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
कितने भारतीय ग्रीन कार्ड के इंतजार में
पिछले साल की गई नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी की स्टडी में सामने आया कि करीब 1.2 मिलियन भारतीय ग्रीन कार्ड के लिए कतार में लगे हैं. अमेरिका में रह रहे इमिग्रेंट्स भारतीय चौथे नंबर पर हैं. पहला नंबर पर मैक्सिको है, पड़ोसी देश होने की वजह से अमेरिका ने इसे खास रियायत दी है. अमेरिका यहां के लोगों को आसानी से परमानेंट रेजिडेंट बनाता है.
Source : News Nation Bureau