अमेरिका भी अब भारत की ताकत पहचान चुका है. अमेरिका ने मान लिया है कि भारत रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करवाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. अमेरिका ने बुधवार को एक बयान जारी किया. बयान में उन्होंने कहा कि भारत के पास वह क्षमता है कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को युद्ध रोकने के लिए मना सकते हैं. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरीन जीन पियरे ने अपने बयान में कहा कि हमें लगता है कि रूस के साथ भारत के घनिष्ठ संबंध हैं. भारत के पास वह क्षमता है कि वे रूस को युद्ध रोकने के लिए मना सकते हैं. हालांकि, अंतिम फैसला पुतिन का ही होगा. पुतिन ने युद्ध शुरू किया था और अब वही युद्ध को रोकेंगे.
बता दें, प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका ने चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि वे पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात पर बारीकि से नजर रखेंगे.
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पुतिन को पीएम मोदी ने दी थी सीख
पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने बातों-बातों में युद्ध का जिक्र कर उन्हें नसीहत दी थी. पीएम मोदी ने पुतिन से कहा था कि युद्ध हो, संघर्ष हो या फिर कोई आतंकी हमला, मानवता को मानने वाला हर व्यक्ति इससे दुखी होता है. जब मासूम बच्चे मरते हैं तो लोगों का सीना छलनी हो जाता है. बच्चों के मरने का दर्द भयानक होता है. दोस्त होने के एहसियत से मैंने हमेशा कहा है कि शांति बहुत आवश्यक है. मैं जानता हूं, युद्ध के मैदान में किसी प्रकार का समाधान संभव ही नहीं है. बंदूक, बम और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं हो सकती. युद्ध के अलावा, वार्ता के माध्यम से शांति समझौते अपनाने होंगे. पढ़ें पूरी खबर
पीएम के दौरे से चिढ़ गया था यूक्रेन
रूसी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी का रूस में गर्मजोशी से स्वागत किया था. दोनों ने एक-दूसरे को गले भी लगाया था. हालांकि, इस मुलाकात से यूक्रेन निराश हो गया. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के दौरे से शांति प्रयासों को बड़ा झटका लगा है. सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा था कि यूक्रेन में आज रूस ने ताबड़तोड़ मिसाइली हमले किए. हमले में 37 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में तीन बच्चे भी शामिल है. रूस के हमले से हमारे 170 लोग घायल हो गए हैं. घायलों में 13 बच्चे भी हैं. रूसी मिसाइलों ने बच्चों के अस्पताल को निशाना बनाया. अस्पताल में कैंसर का इलाज होता था. हमले के कारण कई बच्चे मलबे में दब गए हैं. जिस दिन इतना बड़ा हमला हुआ, उस दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेता दुनिया के सबसे बड़े खूनी से गले लग रहा है. यह निराशाजनक है. इससे शांति प्रयासों को बहुत बड़ा झटका लगा है. पढ़ें पूरी खबर
Source : News Nation Bureau