विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से हाल ही में भारत का नक्शा तीसरी बार गलत तरीके से दिखाने पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. कोरोना वायरस (Corona Virus) के आंकड़ों को पेश करने के लिए देशों के जो नक्शे दिखाए हैं, उसमें भारत (India) के नक्शे में यह बड़ी चूक की है. नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत से अलग दिखाए जाने पर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारत के प्रतिनिधि ने डब्ल्यूएचओ प्रमुख के समक्ष इस मसले को उठाया है. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस मुद्दे को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत इंद्रमणि पांडे ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्येयियस के सामने उठाया है.
ये की गलती, जिसे मानने से इंकार
हद तो इस बात की है कि एक तो डब्ल्यूएचओ ने गलती की है, लेकिन अब उसे मानने को भी तैयार नहीं है. उसका कहना है कि इस नक्शे को तैयार करते वक्त उसने संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देशों का पालन किया है. डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को लेकर भी बार-बार अपना रुख बदला है. नक्शे में भारत को नीले रंग में दिखाया गया है जबकि जम्मू व कश्मीर और लद्दाख को ग्रे रंग का दिखाया गया है. यही नहीं अक्साई चीन के हिस्से को भी ग्रे दिखाया गया है. डब्ल्यूएचओ का झुकाव अक्सर चीन की तरफ देखने को मिलता रहता है.
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भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि इंद्रमणि पांडे द्वारा भेजे गए पत्र में संस्था के प्रमुख को कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ के कई वेबपोर्टल पर भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाया गया है. ऐसे में सभी नक्शों को तुरंत हटाया जाए और गलती का सुधार किया जाए. डब्ल्यूएचओ के कदम पर पांडे ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए मानचित्रों को हटाने के लिए उनके तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. एक महीने में यह तीसरी बार है जब भारत ने डब्ल्यूएचओ के साथ इस मुद्दे को उठाया है.
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चीन की शह पर भारी गलती
दरअसल वैश्विक स्वास्थ्य निकाय की वेबसाइट पर जारी एक नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत से अलग दिखाया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था. डब्ल्यूएचओ इन दिनों काफी विवादों पर रहा है. कोविड-19 महामारी के दौरान चीन का पक्ष लेने पर अमेरिका और अन्य देशों की ओर से इसे भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को चीन की कठपुतली करार दिया है.