कोरोना महामारी (Coronavirus) को लेकर हमेशा से चीन पर आरोप लगाने से डब्ल्यूएचओ (WHO) बचता रहा है. उसने कभी भी सीधे तौर पर इसके लिए ड्रैगन को जिम्मेदार नहीं ठहराया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ऐसा पहली बार है कि वुहान लैब में हुई दुर्घटना को डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने खुद स्वीकारा है. डब्ल्यूएचओ प्रमुख ट्रेडॉस गेब्रेयेसिस ने यूरोपीय राजनेता से बातचीत के दौरान इस बात को कबूल किया है. यूरोपीय राजनेता ने अपने का नाम का खुलासा नहीं किया है. उन्होंने बताया कि एक निजी चर्चा में गेब्रेयेसिस ने माना है कि यह वायरस चीन की वुहान लैब से फैला हो सकता है. जबकि कुछ दिन पूर्व ही डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने खुले तौर पर कहा था कि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि यह वायरस कहां से उत्पन्न हुआ है. यह इंसानों में कैसे आया.
वायरस के उदय का पता लगाना नैतिक जिम्मेदारी
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक के अनुसार नैतिक रूप से कोरोना वायरस के उद्भव का पता करना हमारी जिम्मेदारी बनती है. इसे जानने में जितना ज्यादा समय लगेगा, उतना ही इसके बारे में पता लगाना कठिन होता जाएगा. यह जिम्मेदारी कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों, जान गंवाने वाले लोगों और उनके परिजनों के प्रति है.
चीन ने कभी जांच में सहयोग नहीं दिया
डब्ल्यूएचओ द्वारा 2021 में गठित विशेषज्ञ पैनल ने हाल में जारी रिपोर्ट में कहा था कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत के बारे में जानने के लिए अहम आंकड़े मौजूद नहीं हैं. हालांकि, यह भी आशंका है कि वायरस चमगादड़ से इंसानों में प्रवेश किया है. डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ इस बात को उठाते रहे हैं कि चीन कोरोना वायरस के उद्भव की जांच करने में मदद नहीं कर रहा है.
HIGHLIGHTS
- चीन पर आरोप लगाने से डब्ल्यूएचओ (WHO) बचता रहा है
- यूरोपीय राजनेता ने अपने का नाम का खुलासा नहीं किया है
- गेब्रेयेसिस ने माना है कि यह वायरस चीन की वुहान लैब से फैला हो सकता है