चीन में कोरोना का आतंक छाया हुआ है. यहां पर कोरोना संकट पल-पल गहराता जा रहा है. कोरोना प्रोटोकॉल का भारी विरोध करने के बाद चीन सरकार ने क्वारंटाइन और आइसोलेशन प्रोटोकॉल समेत सख्त प्रतिबंधो पर से पाबंदी हटा ली थी. इसके बाद से चीन में कोरोना बेकाबू हो चुका है. यहां पर ऐसी स्थिति बन गई है कि अस्पताल में मरीज भरे पड़े हैं. अस्पतालों के बाहर मरीजों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BF.7 चीन के लिए घातक सिद्ध हो रहा है. इस बीच चीन की सरकार प्रोपोगेंडा फैला रही है कि ये कोरोना नहीं बल्कि एक नॉर्मल फ्लू है.
दुनिया में हो रही फजीहत को छिपाने के लिए वह इस तरह का प्रचार कर रही है. यही नहीं चीन की सरकार प्रतिबंधित दवाओं का उपयोग इलाज के लिए कर रही है. कोरोना से बचने के लिए चीन परांपरिक दवा का उपयोग करने पर जोर दे रहा है, जो अन्य देशों में बैन है.
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कोरोना के मामलों को रोकने के लिए चीन 'लियानहुआ क्विंगवेन' नामक पारंपरिक दवाओं का सेवन करा रही है. इसका उत्पादन भी बढ़ाया जा रहा है. कई देशों में इस दवा के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी भी जारी की गई है. अब चीन के लोग भी इस दवा का विरोध कर रहे हैं. वे एलोपेथी दवा की मांग कर रहे हैं. उनका मानना है कि उन्हें पेरासिटामॉल जैसी आधुनिक दवा दी जानी चाहिए. मगर चीन में इस समय आधुनिक दवाओं की कमी देखी जा रही है. ऐसे में लोग मांग कर रहे हैं कि इस दवा की जगह उन्हें एलोपेथी की दवा दी जाए जो असरदार होने के साथ टेस्टेड है.
चीन की सरकार कर रही प्रचार
चीन की सरकार के पास विकल्प कम होते जा रहे हैं. वह इस महामारी को रोकने में सक्षम नहीं है. इस तरह से वह ऐसा प्रोपेगेंडा फैला रही है, जैसे यह कोरोना नहीं बल्कि एक मामूली फ्लू है. चीन की सरकार लोगों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश में लगी है. इस तरह से आम जनता में द्वंद्व चल रहा है कि वह इस बीमारी को गंभीरता से लें या इसे आम बीमारी की तरह से समझें.
HIGHLIGHTS
- अस्पतालों के बाहर मरीजों की लंबी लाइनें लगीं
- ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट BF.7 चीन के लिए घातक सिद्ध हो रहा
- चीन 'लियानहुआ क्विंगवेन' नामक पारंपरिक दवाओं का सेवन करा रही