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रूस-यूक्रेन जंगः 100 दिन बाद क्यों खत्म नहीं हो रही ये जंग, यूक्रेन क्यों नहीं मान रहा हार..

दोनों देशों को बड़े पैमाने पर मानवीय और आर्थिक नुकसान हुआ है लेकिन अभी भी जंग खत्म होने के आसान नहीं दिख रहे हैं.

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Nandini Shukla
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यूक्रेन क्यों नहीं मान रहा हार( Photo Credit : bt)

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24 फरवरी से जारी इस जंग के 100 दिन से भी ज्यादा हो चुके हैं. दोनों देशों को बड़े पैमाने पर मानवीय और आर्थिक नुकसान हुआ है लेकिन अभी भी जंग खत्म होने के आसान नहीं दिख रहे हैं. रूसी सेना ने अब तक यूक्रेन के 20 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर चुका है तो वहीं कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ( KSE) के एनालिटिक्स डिवीजन की रिपोर्ट की माने तो जंग में यूक्रेनी अर्थव्यवस्था को अब तक 10.55 करोड़ डॉलर (करीब 820 करोड़ रुपए) का नुकसान हो चुका है. इस जंग में 233 आवासीय भवन , 36 प्राइवेट घर और 46 स्कूल तबाह हो चुके हैं.

वहीं हमले में 24 , 000 किलोमीटर सड़क और 300 ब्रिज भी बरबाद हो चुके हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने हाल ही में कहा कि रूस और यूक्रेन जंग में हर रोज 100 सैनिक शहीद हो रहे हैं. वहीं 400 से 500 सैनिक रोजाना गंभीर रूप से घायल हो रहे हैं. इस दौरान हर 6 में से एक यूक्रेनी को देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. युनाइटेड नेशन के मुताबिक, जंग शुरु होने के बाद से यूक्रेन से 14 मिलियन से अधिक लोग अपने घर छोड़कर भाग चुके हैं. करीब 70 लाख लोग पड़ोसी देशों में गए हैं , जबकि 80 लाख लोग यूक्रेन के अंदर ही विस्थापित हो गए हैं. 1 जून तक कुल 6.9 मिलियन से अधिक शरणार्थी यूक्रेन छोड़ चुके हैं तो वहीं 2.1 मिलियन वापस आ गए हैं.

किस देश में यूक्रेन के कितने शरणार्थी

· पोलैंड- 3,690,096

· रोमानिया- 587,219

· रूस- 945,007

· हंगरी- 654,664

· माल्डोवा- 483,306

· स्लोवाकिया- 466,264

· बेलारूस- 16,648

· चेक रिपब्लिक- 361,560

· जर्मनी- 780 , 000 (40 फीसदी बच्चे शामिल)

इस जंग में रूस को भारी नुकसान हुआ है. रूस ने करीब 1.5 लाख सैनिकों को इस जंग में उतारा था , यूक्रेन की सेना के अनुमान के मुताबिक , अब तक रूस के 31 , 000 से ज्यादा सैनिक ढ़ेर हो चुके हैं. तो रूसी सेना को बड़े पैमाने पर सैन्य नुकसान भी हुआ है. खबर लिखे जाने तक 1390 टैंक और 3 , 416 सैन्य वाहन ढेर हुए. इस जंग में रूस के 694 आर्टिलरी सिस्टम , 212 प्लेन , 177 हेलीकॉप्टर , 13 बोट , 553 अनमैन्ड आर्म्ड व्हिकल , 207 मल्टिपल लांच रॉकेट सिस्टम और 2 , 405 वेहिकल और फ्युल टैंक तबाह हो गए.

विशेषज्ञों की माने तो ये जंग काफी लंबा चलने वाला है. यूक्रेन को जिस तरह बड़े पैमाने पर सैन्य सहायता मिल रहा है उससे यही अनुमान लगाया जा रहा है कि यूक्रेन रूस के आगे उतना जल्दी घुटना टेकने वाला नहीं है. वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी सेना को कई स्तरों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है , सैनिकों के लिए राशन की कमी हुई , गाड़ियों को ईंधन की समस्या हुई. और फिर सेना तकनीकी खामियों से भी जूझ रही है.

यूक्रेन को किस देश से कितना सैन्य मदद मिला

यूक्रेन अब M270 और M142 HIMARS जैसे एंडवांस्ड मल्टी रॉकेट लॉन्च सिस्टम की मांग कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह यूक्रेन को HIMARS सिस्टम उपलब्ध कराएंगे , साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि इसका उपयोग रूस के अंदर लक्ष्यों पर हमला करने के लिए नहीं किया जाएगा. अमेरिका ने यूक्रेन को स्टिंगर मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम का बड़ा जखीरा भेजा. ये ऐसे हथियार हैं , जिनके दम पर यूक्रेनी सेना ने रूस के कई अटैक और ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टरों और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले यूएवी को मार गिराया. अमेरिका ने इसके अलावा जेवलिन मिसाइलों और लॉन्चरों का शिपमेंट भी भेजा. वहीं यूक्रेन की सेना ने जेवलिन एंटी टैंक और एंटी आर्मर्ड मिसाइलें हैं , जिन्होंने रूस के कई टैंक और ट्रकों को तबाह किया.

इस जंग में यूएस यूक्रेन को बड़े पैमाने पर सैन्य मदद कर रहा है. अमेरिका ने जंग शुरु होने से अबतक यूक्रेन को 4.5 बिलियन डॉलर का सैन्य सहायता भेंजा था. यूएस ने 72 155 mm होवित्जर , 72 व्हिकल , 144 , 000 राउंड गोलाबारूद , 120 से ज्यादा फोएनिक्स घोस्ट टैक्टिकल ड्रोन भेंजा. यूएस ने मार्च में घोषणा किया था कि उसने 800 से ज्यादा स्टिंगर मिसाइल भेंज रहा. यूएस का कहना है कि उसने 5 , 000 से ज्यादा जवेलिन सिस्टम दिया. पेंटागन ने भी कहा कि उसने 14 , 000 से ज्यादा एंटी आर्मर वेपन दिया.

वहीं ब्रिटेन- ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूक्रेन को लगभग 6,000 अतिरिक्त मिसाइलें देने का एलान किया था. इससे पहले हार्पून एंटी शिप मिसाइल औऱ .. Starstreak SAM यूक्रेन भेंज चुका है. हाल ही ब्रिटेन ने कहा कि उसने 4,000 NLAWs और एंटी-टैंक मिसाइल यूक्रेन को भेंजा. ब्रिटेन ने 120 आर्मर्ड व्हिकल , 5800 एंटि टैंक मिसाइल , 5 एयर डिफेंस सिसंटम , 1000 रॉकेट औऱ 4.5 टन विस्फोट भेंजा. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर इक्विपेमेंट , काउंटर राडार बैटेरी सिस्टम , जीपीएस जैमिंग इक्विपेमेंट और हजारो नाइट विजन डिवाइस भेंजेने का एलान किया था. इसके अलावा ब्रिटेन ने 22,000 से ज्यादा यूक्रेनियन सोल्जन को प्रशिक्षण दिया.

इन देशों से भी यूक्रेन को बड़े पैमाने पर सैन्य मदद-

· जर्मनी- 1,000 टैंक रोधी हथियार , 500 स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल

· तुर्की- TB-2 Drone

· डेनमार्क- 2,700 एंटी टैंक वीपन

· नॉर्वे- 4,000 M72 एंटी टैंक वीपन

· स्पेन- 200 टन मिलिट्री इक्विपेमेंट, फ्रेंच मेड Mistral anti-aircraft missiles दि

· स्वीडन- स्वीडन ने 10,000 सिंगल युज एंटि टैंक लांचर भेंजने का एलान किया था.

· पुर्तगाल – नाइट विजन गुगल्स, बुलेट प्रपूफ वेस्ट्स, हेलमेट, ग्रेनेड, गोलाबारूद और ऑटोमेटिक जी3 राइफल

· फ्रांस- मिलन एंटी टैंक मिसाइल औऱ सेजर सेल्फ प्रोपेल्ड हॉवित्जर

· बेल्जियम- 5000 ऑटोमेटिक राइफल औऱ 200 एंटि टैंक हथियार एवं 3,800 टन इंधन

· नीदरलैंड- 200 स्टिंगर एयर डीफेंस रॉकेट औऱ 400 रॉकेट के साथ 50 “Panzerfaust 3” एंटी टैंक हथियार

· स्वीडन- 5000 ऐंटी टैंक रॉकेट्स , 5 हजार हेलमेट और 5 हजार बॉडी आर्मर

· स्लोवाकिया- S-300 एयर डिफेंस सिस्टम

· चेक रिपब्लिक- चेक रिपब्लिक ने ऐलान किया था कि वह यूक्रेन को टी 72 टैंक और हथियारों से लैस वाहन उपलब्ध करवाएगा. इसके अलावा बीवीपी- 1 वीइकल्स , होवित्जर युद्धक हथियार और अन्य उपकरणों केसाथ 12 टी 72 टैंकों को भेंज रहा है.

· फिनलैंड- 2500 असॉलॉ राइफल , 150,000 राउंड गोलाबारूद , 1500 सिंगल युज एंटि टैंक लांचर

· कनाडा ने अब तक 208 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता भेंजा.एम 777 हॉवित्जर के साथ 20,000 आर्टिलरी शेल भेंजा गया.

· पोलैंड - 1.6 बिलियन डॉलर का सैन्य सहायता , 200 से ज्यादा टैंक

· लातविया - 214 मिलियन डॉलर का सैन्य सहायता , गोलाबारूद , स्टिंगर एंटि एयरकाऱ्पट मिसाइल , लांच पैड , अनमैन्ड एयरक्राफ्ट औऱ ड्रोन

· लिथुआनिया - Bayraktar TB2 unmanned aerial vehicle

· एस्टोनिया - 244 मिलियन डॉलर का सैन्य सहायता , जैवलिन एंटि टैंक मिसाइल , हॉवित्जर एंटि टैंक माइन्स , एंटी-टैंक गन , गोलाबारूद से लैस हैंडगन

एक तरफ रूस अपनी उग्र सैन्य क्षमता का भरपुर इस्तेमाल कर रहा है तो दूसरी तरफ यूक्रेन यूएस, ब्रिटेन, नाटो और बाल्टिक देशों के भरपुर सैन्य सहायता के दम पर हार मानने को तैयार नहीं है. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि यूक्रेन इतने बड़े पैमान पर नुकसान के बावजुद भी आत्म समर्पण करने के मूड में नहीं है.

Source : Shankresh Kumar

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