संयुक्त राष्ट्र की एक रपट के मुताबिक दूसरे देशों में रहने वाले प्रवासियों के मामले में भारत पहले स्थान पर है, और कुल 1.659 करोड़ भारतीय प्रवासियों में से आधे से अधिक प्रवासी खाड़ी देशों में रहते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी रपट, 2017 के यहां सोमवार को जारी होने के बाद पता चला कि त्वरित भूमंडलीकरण के इस दौर में, 2000 के 79.8 लाख प्रवासियों के मुकालबे भारतीय प्रवासियों की संख्या दोगुनी हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग में प्रवजन खंड के प्रमुख बेला होवी ने रपट जारी होने के बाद कहा, 'रपट में अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों की परिभाषा व्यापक है। जो भी व्यक्ति अपने देश के अलावा किसी दूसरे देश में रहता है, वे सभी प्रवासी हैं। इसमें आधिकारिक रूप से या अवैध रूप से प्रवजन करने वाले शरणार्थी और आर्थिक प्रवासी शामिल हैं।'
इनकी संख्या राष्ट्रीय मूल व जातीयता के आधार पर नहीं गिनी जाती है, इसलिए इसमें प्रवासियों के बच्चों को शामिल नहीं किया जाता है।
रपट के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात में सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी रहते हैं, जिनकी संख्या 33.1 लाख है, जोकि वर्ष 2000 के लगभग 10 लाख से काफी ज्यादा है। इसके बाद अमेरिका में 23 लाख प्रवासी रहते हैं, जोकि 2000 के 10 लाख प्रवासियों से ज्यादा है।
केवल खाड़ी देशों में, कुल 89 लाख भारतीय रहते हैं। रपट के अनुसार, इसमें से सऊदी अरब में 22 लाख सात हजार, ओमान में 12 लाख और कुवैत में 11 लाख छह हजार प्रवासी रहते हैं।
वहीं अन्य देशों में रहने वाले प्रवासियों की संख्या 52 लाख है, जो कि वर्ष 2000 के 12 लाख दो हजार के मुकाबले बहुत ज्यादा है।
होवी ने कहा, 'अधिकतर प्रवासन विकासशील देशों में हुआ है, जिनमें से एशिया में 60 प्रतिशत प्रवासन एशिया के ही अन्य देशों में हुआ है।'
उन्होंने कहा कि प्रवासी विकासशील देशों में 40,000 करोड़ डॉलर भेजते हैं और इस राशि का उपयोग वित्तीय साक्षरता, घर व अन्य गतिविधियों में किया जाता है, जो विकास को बढ़ावा देता है।
रपट के अनुसार, यूरोप में भारत के 13 लाख लोग रहते हैं, जो वर्ष 2000 के लगभग छह लाख 65 हजार से अधिक है। ब्रिटेन में सबसे ज्यादा लगभग आठ लाख 36 हजार भारतीय प्रवासी रहते हैं, जोकि वर्ष 2000 के चार लाख 52 हजार प्रवासियों से ज्यादा है।
कनाडा में भारत के छह लाख लोग रहते हैं, जो वर्ष 2000 में तीन लाख 19 हजार प्रवासियों से ज्यादा है। ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों के मामले में काफी वृद्धि देखी गई, यहां वर्ष 2000 में 90,719 भारतीय रहते थे और अब यहां चार लाख 88 हजार भारतीय रहते हैं।
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Source : IANS