विश्व बैंक का कहना है कि सिंधु जल विवाद को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। इस मुद्दे को लेकर विश्व बैंक ने कहा कि किशनगंगा और रातले हाइड्रोइलेक्ट्रिक बिजली संयंत्रों को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा जारी है।
भारत और पाकिस्तान द्वारा इस मुद्दे पर दो दिवसीय बैठक होने के एख दिन बाद विश्व बैंक ने कहा था कि इस सप्ताह की शुरूआत में बैठकें सदभावना एवं सहयोग के लिए बुलाया गया था।
बैठक में कोई भी समाधान न निकलने के बाद दोनों पक्ष वाशिंगटन डीसी में सितंबर में एक बार फिर मिलने और इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सहमत हो गए हैं। इससे पहले विश्व बैंक कह चुका है कि जल विवाद दोनों देश आपसी सहमति से निपटाएं।
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विश्व बैंक ने सिंधु जल से जुड़ी बैठकों में नतीजों की खबरों को गलत बताया है। बयान जारी कर कहा गया है कि विश्व बैंक यह साफ करना चाहेगा कि किशनगंगा और रातले हाइड्रोइलेक्ट्रिक बिजली संयंत्रों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चर्चाएं चल रही हैं।
इससे पहले जम्मू कश्मीर में किशनगंगा (330 मेगावॉट) और रातले (850 मेगावॉट) पनबिजली परियोजनाओं को रोकने के लिए पाकिस्तान ने भारत के डिजाइन पर सवालिया निशान उठाते हुए पिछले साल विश्व बैंक का रुख किया था।
इस समझौते को लकेर सवाल तब उठने लगा था जब पिछले साल सीमा पार से होने वाले आतंकवादी हमलों में तेजी आ गई थी। आतंकी घटना और जल संधि को लेकर पीएम मोदी ने पिछले साल कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।
इससे पहले दोनों देशों के बीच जारी जल विवाद को लेकर अमेरिकी ने मध्यस्थता करने से इंकार कर दिया था। अमेरिका ने कहा था कि दोनों देशों को आपसी बातचीत के माध्यम से मतभेद सुलझाना चाहिये।
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Source : News Nation Bureau