लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdi) पर शुक्रवार को उस समय हमला किया गया जब वह पश्चिमी न्यूयॉर्क में व्याख्यान देने वाले थे. सलमान रुश्दी के लेखन से 1980 के दशक में ईरान से जान से मारने की धमकी मिली थी. एक एसोसिएटेड प्रेस रिपोर्टर ने देखा कि एक व्यक्ति ने चौटौक्वा इंस्टीट्यूट में मंच पर धावा बोल दिया और रुश्दी का परिचय कराते ही उन्हें चाकू मारना शुरू कर दिया. हमला करते ही लेखक फर्श पर गिर गए. घटना के तुरंत बाद संबंधित व्यक्ति को तुरंत दबोच लिया गया. रुश्दी की किताब "द सैटेनिक वर्सेज" को ईरान में 1988 से प्रतिबंधित कर दिया गया है, क्योंकि कई मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं. एक साल बाद ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी किया था, जिसमें रुश्दी की मौत का आह्वान किया गया था. 75 वर्षीय लेखक को अस्पताल ले जाया गया है और हमलावर फिलहाल पुलिस हिरासत में है
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घटना के वीडियो फुटेज में लोगों को रुश्दी की सहायता के लिए दौड़ते हुए देखा जा सकता है. रुश्दी को मारने वाले को 3 मिलियन डॉलर से अधिक का इनाम की घोषणा है. ईरान की सरकार ने लंबे समय से खुमैनी के फरमान से खुद को दूर कर लिया है, लेकिन सलमान रुश्दी को लेकर विरोधी भावना बनी रही. वर्ष 2012 में एक ईरानी धार्मिक फाउंडेशन ने रुश्दी के लिए इनाम को 2.8 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 3.3 मिलियन डॉलर कर दिया था. रुश्दी ने उस समय उस धमकी को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इनाम में लोगों की दिलचस्पी का "कोई सबूत नहीं" है. उस वर्ष, रुश्दी ने फतवे के बारे में एक संस्मरण, "जोसेफ एंटोन" प्रकाशित किया था.