BIMSTEC: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल म्यांमार की यात्रा पर हैं. म्यांमार दौरे के दौरान उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री मिन ऑन्ग ह्लाइंग से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने सीमा में शांति और स्थिरता लाने के तरीकों पर चर्चा की. दरअसल, मल्टी सेक्टरल टेक्नीकल और इकोनॉमित ऑपरेशन समूह (बिम्सटेक) समूह के सुरक्षा प्रमुखों की बैठक में शामिल होने के लिए अजीत डोभाल म्यांमार की राजधानी नेपॉडी पहुंचे हैं. बता दें, म्यांमार में 2021 में तख्तापलट हो गया था. इसके बाद से लगातार लोकतंत्र की बहाली के लिए व्यापक रूप से प्रदर्शन हो रहे हैं. देश के अधिकतर इलाकों में जुंटा और अन्य ताकतों के बीच झड़प हो रही हैं. विरोधी बल देश के कई इलाकों में कब्जा कर चुके हैं.
मिन ऑन्ग ह्वाइंग ने डोभाल से शुक्रवार को अपने कार्यालय में मुलाकात की. उन्होंने दोनों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों, सहयोग, राजनीति, स्वतंत्र-निष्पक्ष आम चुनावों को लेकर चर्चा की. उन्होंने सीमा में शंति को बढ़ावा देने के उपायों पर भी मंथन किया. एक रिपोर्ट की मानें तो म्यांमार भारत के सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है. भारत और म्यांमार 1,643 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. यह अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड और मणिपुर से होकर गुजरती है.
क्या है BIMSTEC?
बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है. संगठन आर्थिक विकास, ऊर्जा, परिवहन, व्यापार और आतंकवाद विरोधी क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देता है. बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों को आपस में जोड़ती है. संगठन का उद्देश्य- सदस्य देशों के बीच संबंधों को मजबूती देना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना.
यह है BIMSTEC के सदस्य देश
- बांग्लादेश
- भूटान
- भारत
- म्यांमार
- नेपाल
- श्रीलंका
- थाईलैंड