Arshad Nadeem: ओलंपिक में एक मात्र मेडल पाने वाला पाकिस्तान अपने खिलाड़ी के सम्मान को भी अहमियत नहीं देता है. 40 साल बाद जैवलीन थ्रोअर एथलीट अरशद नदीम गोल्ड मेडल लेकर आया. नदीम की इस बड़ी उपलब्धि को लेकर पाकिस्तान की जनता गदगद है. मगर यहां पर शहबाज सरकार नदीम के सम्मान में भी खोट दिखा रही है. पाकिस्तान सरकार ने नदीम के सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन किया. इसमें कई बड़ी हस्तियों और खेल जगत के सितारों को न्योता भेजा गया था. लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया गया.
इसके बाद पाकिस्तान सरकार जमकर आलोचना हो रही है. इस समारोह में पूर्व ओलंपिक विजेता हॉकी खिलाड़ियों को भी निमंत्रण भेजा गया था. मगर बाद में उसे वापस ले लिया गया. उन्होंने पाकिस्तान सरकार पर अपमान का आरोप लगाया.
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पूर्व हॉकी खिलाड़ी राव सलीम नाजिम (Rao Saleem Nazim) का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार ने अतिथि प्रबंधन के नाम पर ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम (Arshad Nadeem) के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज निमंत्रण को वापस ले लिया है. इस तरह से सरकार ने कई ओलंपियनों का अपमान किया. अरशद नदीम ने पेरिस में ओलंपिक रिकॉर्ड कायम किया. उसने 92.97 मीटर की दूरी तक जैवलीन थ्रो करके गोल्ड मेडल हासिल किया.
इसलिए निमंत्रण वापस ले लिया गया
पाकिस्तान के पूर्व हॉकी खिलाड़ियों की अगुवाई करने वाले नाजिम का कहना है कि पीएम हाउस ने इस समारोह में शामिल होने को लेकर हॉकी के कई दिग्गजों को आमंत्रित किया था. यह न्योता उन्हें ईमेल पर मिला था. मगर अंत समय में हम लोगों को प्रधानमंत्री सचिवालय की ओर से संदेश मिला कि मेहमानों की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे में उनसे निमंत्रण वापस ले लिया. देश के लिए हॉकी में एक नहीं बल्कि कई ओलंपिक पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों के संग आप क्या ऐसा बर्ताव करते हैं.’
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अरशद का गोल्ड 40 साल बाद आया
पाकिस्तान ने ओलंपिक में इससे पहले स्वर्ण पदक 1984 में लॉस एंजिल्स में हॉकी में प्राप्त किया था. नदीम से पहले ओलंपिक का पिछला पदक भी पाकिस्तानी हॉकी टीम के नाम है. टीम ने 1992 में कांस्य पदक हासिल किया था. अरशद का गोल्ड 40 साल बाद आया है. मगर बीते तीन ओलंपिक से पाकिस्तान की हॉकी टीम ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी.