Pakistan Suicide: गर्मियों के दिनों में बिजली का भारी भरकम बिल आना आम बात है लेकिन पाकिस्तान में एक महिला बिजली के बिल से इतनी परेशान हो गई कि उसने खुदकुशी कर ली. मामला पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर्निया से पीड़ित 65 वर्षीय महिला रजिया बीबी ने अप्रत्याशित बिजली बिल का भुगतान करने के लिए अपने इलाज के पैसे खर्च कर दिए. उसके बाद उसने आत्महत्या कर ली. महिला ने अपने इलाज के लिए पैसे इकट्टे किए थे, लेकिन जब बिजली का भारी भरकर बिल आया तो उसके पास कोई रास्ता नहीं निकला और उसने इजाल के पैसे बिल भरने में खर्च कर दिए.
हर्निया के इलाज के लिए जमा किए थे पैसे
महिला ने अपने हर्निया के ऑपरेशन के लिए पैसे जमा किए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने महिला को 10 हजार पाकिस्तान रूपये का बिलजी का बिल मिला था. महिला ने बिल भरने के लिए अपने इलाज के इन पैसे को खर्च कर दिया. क्योंकि महिला के पास बिल भरने के पैसे नहीं थे. इसके बाद, रजिया बीबी के बेटे ने कहा कि उसकी मां दवा खरीदने के लिए बाहर गई थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वित्तीय संकट से बहुत परेशान थी, और वह निराशा होकर पास के नाले में कूद गई.
ये भी पढ़ें: Paris Olympics 2024 Day-3 Live Update: बैडमिंटन में हाथ लगी निराशा, अश्विनी पोनप्पा और तनीषा क्रास्टो को मिली हार
इलाज के लिए जमा किए थे 10 हजार रुपये
उस्मान ने कहा, "मेरी मां हर्निया की मरीज थीं और उन्होंने अपने ऑपरेशन के लिए पैसे बचाए थे, लेकिन 10,000 रुपये का बिजली बिल मिलने के बाद, उन्होंने अपनी सर्जरी के लिए बचाए गए पैसे से भुगतान किया और बाद में आत्महत्या कर ली."
ये भी पढ़ें: दिल्ली कोचिंग सेंटर हादसे के मामले में 5 और गिरफ्तार, अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
पुलिस कर रही मामले की जांच
रजिया बीबी की बेटी अपनी मां को बचाने के लिए दौड़ी लेकिन तब तक उनकी जान चली गई. जबकि स्थानीय अधिकारी फिलहाल महिला के शव को बरामद करने के लिए तलाशी अभियान चला रहे हैं. इस घटना से पहले का एक वीडियो सामने आया है. फिलहाल गुजरांवाला पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है.
ये भी पढ़ें: Redmi Pad Pro 5G, Pad SE 4G भारत में 10,999 रुपये की कीमत में लॉन्च, जानें फीचर्स
हाल ही में, पाकिस्तान की दक्षिणपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के अमीर हाफ़िज़ नईमुर रहमान ने सरकार को कड़ी चेतावनी जारी की थी, जिसमें बिजली बिलों में बढ़ोतरी की मांग पर रावलपिंडी में चल रहे उनके धरने को देश के अन्य क्षेत्रों में विस्तारित करने की धमकी दी गई थी और करों का भुगतान नहीं किया जाता है.