उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के कांवड़ रूट की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश भले ही ठंडे बस्ते में चला गया हो पर अमेरिका में अभी भी यह चर्चा का विषय है. योगी-धामी सरकार के आदेश को अमेरिका में एक पाकिस्तानी पत्रकार ने उठाया. पाकिस्तानी पत्रकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से नेम प्लेट से जुड़ा सवाल पूछा. सवाल का जवाब देते हुए मिलर ने कहा कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार के इस आदेश पर अब रोक लगा दी है. अब यह नियम प्रभावी नहीं है, इसलिए इस पर सवाल करने का या फिर इस पर बात करने का कोई मतलब नहीं है.
मिलर ने पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए आगे कहा कि हम दुनिया के सभी धर्मों और विश्वास की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं. हम इस बात के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं कि उनकी रक्षा की जाए. इसके लिए हम हर देश के साथ संपर्क में हैं.
यह था उत्तर प्रदेश सरकार का आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग की सभी दुकानों और रेहड़ी वालों के लिए नेम प्लेट लगाने का आदेश जारी किया था. इस फैसले के तहत सभी दुकानदारों को अपनी दुकानों के बाहर अपने असली नाम की प्लेट लगानी थी. उत्तर प्रदेश के मुखयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इसका एलान किया था. उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश का समर्थन करते हुए यही आदेश उत्तराखंड में भी लागू कर दिया था. फैसले का खूब विरोध हुआ, मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम फैसला सुनाते हुए कहा कि नेम प्लेट लगाना अब जरूरी नहीं है लेकिन दुकान मांसाहारी और शाकाहारी खाने का जिक्र करना आवश्यक है.
भाजपा ने झेला अपना का विरोध
भाजपा को नेम प्लेट वाले आदेश के कारण अपनों का ही विरोध झेलना पड़ा था. एनडीए के सहयोगी दलों ने भी इसका विरोध किया था. विरोधी नेताओं में केसी त्यागी, जयंत चौधरी और चिराग पासवान शामिल थे. भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस फैसले की आलोचना की थी.