अमेरिकी धरती पर भारत माता की जय. जब मैं किसी पद पर नहीं था, तब भी मैं अमेरिका के करीब 29 स्टेट का दौरा कर चुका था. तब भी आपके स्नेह को समझता था, अब भी समझता हूं. यह बातें पीएम नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क के नासाऊ कोलिजीयम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि अब अपना नमस्ते भी मल्टीनेशनल हो चुका है. लोकल अब ग्लोबल हो चुका है. यह सब आपने किया है. अपने दिल में भारत को बसा कर रखने वाले हर भारतीय ने ये किया है. पीएम रहते हुए मैंने आपसे अपार स्नेह पाया है, अपनत्व पाया है.
#WATCH | Addressing the Indian diaspora in New York, PM Modi says, "...We are also a strong voice of the Global South...Today, when India says something on a global platform, the world listens. Some time ago when I said that this is not the era of war, its severity was understood… pic.twitter.com/YJSzFGsmEU
— ANI (@ANI) September 22, 2024
हम किसी भी देश में रहें, ये भावना नहीं बदलती है: मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं हमेशा से आपके सामर्थ्य को… भारतीय डायस्पोरा के सामर्थ्य को समझता हूं. आप उनके लिए हमेशा से भारत के सबसे मजबूत ब्रॉन्ड एंबेसेडर रहे हैं. मैं आप सबको राष्ट्रदूत कहता हूं. आपने अमेरिका को भारत से और भारत को अमेरिका से जोड़ा है. आप 7 समंदर पार आए, मगर कोई समंदर इतना गहरा नहीं है, जो दिल की गहराई से मां भारती को दूर कर सके. पीएम मोदी ने कहा कि हम एक बनकर और नेक बनकर आगे बढ़ते रहेंगे. भाषा अगल-अलग है, मगर भाव एक है. यह भाव भारतीयता का है. पीएम मोदी के अनुसार, दुनिया के साथ जुड़ने को लेकर ये सबसे बड़ी ताकत है. जो त्याग करते हैं, वो ही भोग पाते हैं. हम किसी भी देश में रहें, ये भावना नहीं बदलती है.
एआई का मतलब अमेरिकी-भारतीय भावना भी है: पीएम
भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, "दुनिया के लिए, एआई का मतलब कृत्रिम बुद्धिमत्ता है, लेकिन मेरे लिए, एआई का मतलब अमेरिकी-भारतीय भावना भी है. यह नई 'एआई' शक्ति है." दुनिया का...मैं यहां भारतीय प्रवासियों को सलाम करता हूं." पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय प्रवासी हमेशा से देश के सबसे मजबूत ब्रांड एंबेसडर रहे हैं. "मैंने हमेशा आपकी क्षमता को समझा है.. प्रवासी भारतीयों की क्षमता को. आप हमेशा मेरे लिए भारत के सबसे मजबूत ब्रैंड एंबेसडर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा, "वसुधैव कुटुंबकम" अर्थात "दुनिया एक परिवार है" की परंपरा को बनाए रखने के लिए भारतीय समुदाय की भी प्रशंसा की. "हम जहां भी जाते हैं, सभी को परिवार की तरह मानते हैं और उनके साथ घुलते-मिलते हैं. विविधता को समझना, उसे जीना, उसे अपने जीवन में लागू करना.. यह हमारे मूल्यों में है. कोई तमिल बोलता है.. कोई तेलुगु, कोई मलयालम, कोई कन्नड़. कोई पंजाबी, कोई मराठी, कोई गुजराती.. कई भाषाएं हैं, लेकिन भावना एक है.. और वह भावना है - भारतीयता,''