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Russia vs America: रूसी मीडिया पर अमेरिकी प्रतिबंधों का रूस ने दिया करारा जवाब

रूस लंबे समय से पश्चिमी मीडिया पर वैश्विक घटनाओं को एकतरफा और पक्षपाती तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगाता रहा है. ज़खारोवा के अनुसार, कई देशों में रूसी मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता पश्चिमी मीडिया के इस एकतरफा दृष्टिकोण को चुनौती देती है

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Mohit Sharma
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Russia vs America: रूसी मीडिया पर अमेरिकी प्रतिबंधों का रूस ने दिया करारा जवाब

Russia vs America: अमेरिका द्वारा रूसी मीडिया पर लगाए गए ताजा प्रतिबंधों के खिलाफ रूस की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने इसे वाशिंगटन द्वारा "किसी भी असहमति के पूर्ण उन्मूलन" की नीति का हिस्सा करार दिया. 13 सितंबर को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने रूस के प्रमुख मीडिया संगठनों, जैसे कि रोसिया सेगोडन्या (जिसके अंतर्गत RIA नोवोस्ती और स्पुतनिक आते हैं), स्वायत्त गैर-लाभकारी संगठन TV-नोवोस्ती (जो RT और Ruptly का संचालन करता है) और यूरेशिया एनजीओ के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा की.

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पत्रकार को "अपमानजनक प्रक्रियाओं" का सामना करना पड़ा

इन प्रतिबंधों में रोसिया सेगोडन्या के महानिदेशक दिमित्री किसेलेव और यूरेशिया की प्रमुख नेली पारुटेंको को भी निशाना बनाया गया है. इससे पहले 4 सितंबर को भी ऐसे ही प्रतिबंध लगाए गए थे, जिनमें RT की मुख्य संपादक मारगारिटा सिमोनियन और कई अन्य कर्मचारियों को निशाना बनाया गया था. ज़खारोवा ने इन कदमों को रूस की आवाज़ों को चुप कराने के लिए राजनीतिक रूप से प्रेरित "दमन अभियान" बताया. उन्होंने कहा कि हम एक और राजनीतिक रूप से प्रेरित अभियान देख रहे हैं, जिसमें डर और जासूसी उन्माद का उपयोग किया जा रहा है ताकि जनमत को प्रभावित किया जा सके और अवांछित सूचनाओं को दबाया जा सके. ज़खारोवा ने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के आक्रामक कदमों की भी आलोचना की, जिसमें एक RT पत्रकार के घर पर FBI एजेंटों द्वारा की गई छापेमारी का जिक्र किया गया. उनके अनुसार, पत्रकार को "अपमानजनक प्रक्रियाओं" का सामना करना पड़ा और उसे अपनी सुरक्षा के मद्देनज़र देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा.

ज़खारोवा का मानना है कि ये कार्रवाई "पूर्णतावादी सेंसरशिप" का हिस्सा

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अमेरिकी प्रशासन ने इन प्रतिबंधों को अपने घरेलू राजनीतिक मामलों में रूसी हस्तक्षेप से लड़ने के लिए आवश्यक बताया है. लेकिन ज़खारोवा का मानना है कि ये कार्रवाई "पूर्णतावादी सेंसरशिप" का हिस्सा है, जो केवल अमेरिका में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी लागू की जा रही है. उन्होंने वाशिंगटन पर वैश्विक सूचना परिदृश्य पर एकाधिकार स्थापित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका ने न केवल अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन किया है, बल्कि अपने संविधान का भी उल्लंघन किया है. ज़खारोवा ने स्पष्ट रूप से कहा कि इन कार्रवाइयों का जवाब जरूर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन की कार्रवाइयां बिना जवाब के नहीं रहेंगी. रूस इन प्रतिबंधों के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देने की तैयारी में है, और इसे अमेरिकी सरकार द्वारा रूसी मीडिया के वैश्विक प्रभाव को कम करने की एक सुनियोजित कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

वाशिंगटन को आक्रामक प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ा

रूस लंबे समय से पश्चिमी मीडिया पर वैश्विक घटनाओं को एकतरफा और पक्षपाती तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप लगाता रहा है. ज़खारोवा के अनुसार, कई देशों में रूसी मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता पश्चिमी मीडिया के इस एकतरफा दृष्टिकोण को चुनौती देती है, जिससे वाशिंगटन को आक्रामक प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ा है. रूसी विदेश मंत्रालय का मानना है कि इस मामले पर अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की चुप्पी अमेरिका की कार्रवाइयों के लिए अप्रत्यक्ष समर्थन के रूप में देखी जा सकती है, जिसे मास्को "स्वतंत्र अभिव्यक्ति के खिलाफ एक खुले युद्ध" के रूप में देख रहा है.

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रिपोर्ट- मधुरेंद्र कुमार

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