ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन रूस के कजान शहर में हुआ, जिसका उद्देश्य "समानता पर आधारित वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना" था. इस सम्मेलन में पहली बार विस्तारित स्वरूप में 35 देशों और 6 अंतरराष्ट्रीय संगठनों, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव और एशिया, अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिका के देशों के प्रतिनिधि शामिल थे.
BRICS को वैश्विक दक्षिण के लिए एक समर्पित मंच बताया
सम्मेलन की उपलब्धियों पर दिल्ली स्थित रूसी एंबेसी में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कई महत्वपूर्ण बातें साझा की. उन्होंने कहा कि हमारे सबसे बड़े मूल्य कठिन मुद्दों पर मिलकर समाधान निकालने और एकता बनाए रखने की ईमानदार प्रतिबद्धता में निहित हैं. अल्पोव ने BRICS को वैश्विक दक्षिण के लिए एक समर्पित मंच बताया जो न केवल समावेशी है बल्कि वैश्विक अस्थिरता और अनिश्चितता के समय में अधिक देशों को आकर्षित कर रहा है.
इस दौरान रूसी राजदूत ने ब्रिक्स के साइड लाइन में हुए पीएम मोदी और प्रेसिडेंट जिनपिंग के बीच हुई अहम बातचीत में रूस के किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया. रूसी राजदूत ने इस बात पर जोर दिया की भारत चीन के बीच स्थिरता यूरेशिया के लिया बेहद अहम है. दोनों देशों को अपने आपसी मुद्दे बातचीत से सुलझाने चाहिए.
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ब्रिक्स सम्मेलन की अहम उपलब्धियां बताई जो इस प्रकार है:
कई नए साझेदार देशों का जुड़ना - BRICS ने बढ़ती वैश्विक रुचि को देखते हुए "साझेदार-देश" श्रेणी की शुरुआत की है. इसके तहत चुनिंदा देशों को फोरम में शामिल होने का मौका मिलेगा. इस कदम के बारे में राजदूत अलीपोव ने कहा, "यह कदम निश्चित रूप से हमारे विविधतापूर्ण साझेदारी का मूल्य बढ़ाएगा और BRICS की वैश्विक प्रभाव को मजबूत करेगा, जो खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा में निर्णायक योगदान दे रहा है."
न्यू डेवलपमेंट बैंक का विस्तार
सम्मेलन में न्यू डेवलपमेंट बैंक को सुदृढ़ बनाने का निर्णय लिया गया, जो विकासशील देशों के लिए $35 अरब की लागत वाली 100 से अधिक परियोजनाओं को समर्थन देगा. इसे BRICS का प्रमुख संस्थान माना गया है जो सतत विकास में सहायक सिद्ध होगा.
स्थानीय मुद्राओं में व्यापार
BRICS ने अपने केंद्रीय बैंकों के बीच वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए BRICS क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स पहल पर विचार किया, जिससे स्थानीय मुद्राओं का उपयोग बढ़ सकेगा.
BRICS अनाज एक्सचेंज और विशेष आर्थिक क्षेत्र मंच
BRICS अनाज एक्सचेंज के माध्यम से खाद्य व्यापार को प्रोत्साहन देने और विशेष आर्थिक क्षेत्रों में नवाचार साझा करने के लिए मंच की स्थापना भी सम्मेलन की एक बड़ी उपलब्धि रही.
भविष्य की योजनाएं
वित्तीय स्वतंत्रता और स्थिरता- BRICS ने अपने सदस्यों के लिए वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने के लिए क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स, निवेश मंच और स्थानीय मुद्रा उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया है.
स्वास्थ्य, विज्ञान और तकनीक में गहरा सहयोग- BRICS देशों ने चिकित्सा अनुसंधान, प्रदूषण मुक्त नदियों, महामारी की चेतावनी प्रणाली और ऊर्जा शोध जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई कार्य समूह स्थापित किए हैं.
विकासशील देशों का समर्थन - BRICS UN, G20 और WTO जैसे मंचों पर समन्वय बढ़ाकर विकासशील देशों की जरूरतों का समर्थन करेगा, ताकि ये देश तकनीकी, वित्तीय और प्राकृतिक संसाधनों तक समान पहुंच प्राप्त कर सकें.
महिलाओं का सशक्तिकरण और व्यापार सहयोग
BRICS ने महिलाओं के सशक्तिकरण, व्यापार सहयोग, तकनीकी मानकीकरण और रोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा देने के लिए भी कई नई पहल की गई है.