पाकिस्तान में इस माह शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक आयोजित करने वाला है. यह इस माह की 15 और 16 तारीख को होगा. यह SCO की 23 वीं बैठक होने वाली है. देश पहले ही पड़ोसी मुल्क को यह साफ कर चुका है कि इस बैठक में भातीय पीएम नरेंद्र मोदी शामिल नहीं होंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर भारतीय दल का नेतृत्व करने वाले हैं. इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच इस दौरे में कोई बाइलेट्रल टॉक नहीं होने वाली हैं. जयशंकर ने भारत के रुख को साफ करते हुए कहा था जब तक पाकिस्तान अपना आतंक समर्थित रवैये को नहीं छोड़ता है, दोनों देशों के बीच बाइलेट्रल टॉक का कोई अर्थ नहीं है. अब इस केस में बौखलाए पाकिस्तान का जवाब सामने आ चुका है.
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय कार्यालय के प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच के अनुसार, पाकिस्तान को एस जयशंकर की यात्रा में अधिकारिक पर सारी जानकारी मिल चुकी है. हम हर सदस्य का स्वागत करने को तैयार हैं. बाइलेटरल मीटिंग को लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं चाहूंगा कि आप 5 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्री की ओर से की गई टिप्पणी का संदर्भ लें. इसमें उन्होंने कहा था कि उनकी यात्रा एक मल्टीलेट्रल कार्यक्रम को लेकर है न कि पाकिस्तान-भारत रिश्तों पर आधारित है. ये टिप्पणियां खुद-ब-खुद स्पष्ट हैं.”
जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा काफी अहम है
आपको बता दें कि पाकिस्तान का दौरा करने वाली आखिरी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं. 2015 के दिसंबर में वह अफगानिस्तान में हुए सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं. जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा काफी अहम है. इसे काफी बड़े निर्णय के रूप में देखा जा सकता है. पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर भारत के युद्धक विमानों की ओर से बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते में गंभीर तनाव देखा गया.