Sheikh Hasina News: राजनीतिक शरण को लेकर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बड़ा कदम उठा सकती हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि शेख हसीना शरण के लिए यूरोप के किसी देश में जा सकती हैं. वो 48 घंटे में भारत छोड़ सकती हैं. यह खबर ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन और अमेरिका दोनों ने ही उन्हें शरण देने से इनकार कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका ने तो उनके वीजा को रद्द कर दिया है. बता दें कि आरक्षण विरोधी आंदोलन की वजह से कुर्सी गंवाने के बाद शेख हसीना अभी भारत में हैं.
भारत ही क्यों आईं शेख हसीना?
बांग्लादेश (Bangladesh Crisis) में जब चारों तरफ कोहराम मचा था. आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों की भीड़ प्रधानमंत्री आवास की तरफ बढ रही थी. उसी दौरान बांग्लादेश एयरफोर्स के विमान ने उड़ान भरी और सीधे भारत पहुंच गया. भारत पहुंचे इस विमान में मौजूद थीं शेख हसीना, जिन्हें आभास हो गया था कि अगर वो बांग्लादेश में कुछ देर और रुकीं तो उनकी जान जा सकती है. पीएम हाउस में घुसकर प्रदर्शकारियों ने जो उत्पात मचाया, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शेख हसीना की जान को कितना बड़ा खतरा हो सकता था.
पहले ही गया था खतरे का एहसास
सूत्रों के मुताबिक आंदोलन के उग्र होने और सत्ता से बेदखल होने का आभास शेख हसीना को एक हफ्ते पहले ही हो गया था. 31 जुलाई को बांग्लादेश में भारत के राजदूत प्रणय वर्मा ने शेख हसीना से मुलाकात की थी और शेख हसीना ने राजदूत को अपनी जान के खतरे के बारे में बताया. शेख हसीना ने दावा किया कि विरोधी ताकतें PM हाउस पर हमला कर उन्हें मारने की प्लानिंग कर रही हैं. कुछ मिलाकर कहें तो शेख हसीना को पहले ही खतरे का एहसास हो गया था.
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हसीना का भारत आना, तय रणनीति
बताया जा रहा है कि शेख हसीना ने भारत सरकार से मदद की अपील की थी, जिसके बाद भारतीय राजदूत ने इस जानकारी को दिल्ली में सरकार से साझा किया. लेकिन सरकार इस मामले में सीधा दखल देकर किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहती थी, इसलिए विदेश मंत्रालय ने शेख हसीना को भारत आने की सलाह दी. तय रणनीति के तहत ही शेख हसीना के विमान को ढाका से treck करते हुए हिंडन में उतरने की इजाजत दी गई.
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राष्ट्र को संबोधित करना चाहती थीं हसीना
सूत्रों के मुताबिक शेख हसीना बांग्लादेश छोड़ने से पहले राष्ट्र के नाम संबोधन देना चाहती थीं, लेकिन हालात बिगड़ने की आशंका की वजह से सेना (Sheikh Hasina Coup) ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. शेख हसीना वक्त रहते पीएम हाउस से निकल गई थीं. उसके बाद जो हुआ उसे पूरी दुनिया ने देखा. अगर शेख हसीना बांग्लादेश में ही रहतीं तो प्रदर्शनकारियों की उग्र भीड उन्हें निशाना बना लेती. उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की तरह ही कट्टरपंथी उनकी हत्या कर देते. शेख हसीना भारत आ गईं तो उनकी जान बच गई.
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