थाईलैंड से बड़ी खबर सामने आई है. थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को पद से हटा दिया गया है. वहां के सुप्रीम कोर्ट ने उन पर कार्रवाई की है. श्रेथा को नैतिक मूल्यों का उल्लंघन करने के आरोप में पद से हटाया गया है. अदालत के फैसले से थाईलैंड की राजनीति गरमा गई है. बता दें, एक सप्ताह पहले ही अदालत ने मुख्य विपक्षी दल को भी भंग करने का आदेश दिया था.
इस वजह से हटाए गए पीएम
दरअसल, पीएम श्रेथा ने हाल ही में अपने मंत्रिमंडल में पिचिट चुएनबान नाम के व्यक्ति को नियुक्त किया था. उस व्यक्ति को अदालत के एक अफसर को रिश्वत देने के आरोप में जेल की सजा हुई थी. अदालत ने प्रधानमंत्री के इस फैसले को नैतिकता का उल्लंघन माना. इसी वजह से उन्हें संवैधानिक न्यायालय ने दोषी ठहराया और श्रेथा को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया.
5:4 के फैसले से बर्खास्त हुए श्रेथा
जानकारी के अनुसार, नौ जजों वाली संवैधानिक पीठ ने 5:4 के मत से श्रेथा को हटाने का फैसला सुनाया. संसद से नया प्रधानमंत्री चुने तक मौजूदा कैबिनेट कार्यवाहक आधार पर काम करेगी. नया प्रधानमंत्री कब तक चुना जाएगा, इस बारे में अदालत ने फिलहाल कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है.
अब जानें कौन हैं पिचिट चुएनबान
बता दें, श्रेथा ने पीएमओ के मंत्री के रूप में पिचिट को नियुक्त किया था. अदालत की अवमानना के आरोप में पिचिट को 2008 में छह माह की जेल हुई थी. पिचिट ने उस वक्त पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा के एक मामले में एक न्यायाधीश को रिश्वत देने की कोशिश की थी. पीएमओ के मंत्री के रूप में पिचिट की नियुक्ति को लेकर खूब विरोध हुआ था, जिस वजह से कुछ ही सप्ताह में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.
अदालत ने कहा कि पिचिट वैसे तो पहले ही अपनी सजा काट चुके हैं लेकिन उनका व्यवहार बहुत बेईमानी वाला था. अदालत ने कहा कि अपनी कैबिनेट में जिसे शामिल किया जा रहा है, उसके बारे में सभी जानकारी होना प्रधानमंत्री के रूप में श्रेथा की जिम्मेदारी थी.