भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह लेबनान में बिगड़ते हालात को लेकर चिंतित है. दक्षिणी सीमा पर 120 किलोमीटर तक फैली ब्लू लाइन पर हालात बिगड़ रहे हैं. लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफएल) ने गुरुवार को खुलासा किया था कि उसके नकौरा मुख्यालय और आसपास के ठिकानों इजरायल ने बड़ा हमला किया है. यूएनआईएफएल के अनुसार, इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने मर्कवा टैंक से नकौरा में मुख्यालय के एक निगरानी टॉवर को उड़ा दिया. हमले में दो शांति सैनिक सीधे टॉवर पर गिरे और घायल हो गए. यूएन फोर्स में कई भारतीय सैनिक भी है. हालांकि वे सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं
विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हम हालात का बारीकी से नजर रख रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र परिसर की अखंडता का सभी सम्मान करने की आवश्यकता है. यूएन शांति सैनिकों की सुरक्षा तय करने को लेकर उचित उपाय करने चाहिए.
बंकर में शांति सैनिकों ने शरण ली थी
यूएनआईएफएल के अनुसार, आईडीएफ सैनिकों ने लेबौनेह में संयुक्त राष्ट्र के एक ठिकाने पर गोलीबारी की. इसमें बंकर के एंट्री गेट को नुकसान हुआ. बंकर में शांति सैनिकों ने शरण ली थी. इस हमले में गाड़ियों को काफी नुकसान हुआ है. यूएनआईएफएल के एक बयान अनुसार, हम आईडीएफ और सभी पक्षों को यूएन कर्मियों और संपत्ति की सुरक्षा तय करने और हर समय यूएन परिसर की अखंडता का सम्मान करने के दायित्वों की याद दिलाते हैं.
बयान के अनुसार, सुरक्षा परिषद के आदेश के तहत यूएनआईएफएल शांति सैनिक दक्षिण लेबनान में मौजूद हैं. शांति सैनिकों पर किसी तरह हमला अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का गंभीर उल्लंघन है.
ब्लू लाइन को संयुक्त राष्ट्र ने निर्धारित किया था. 2000 में लेबनान के दक्षिण से इजरायली सेना की वापसी की पुष्टि के उद्देश्य से तय की गई थी. यूएनआईएफएल के अनुसार, शांति सैनिक इसके अस्थायी संरक्षक बने हुए हैं. इस नाजुक सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की जरूरत है.