अमेरिकी चुनाव के परिणाम सामने चुके हैं. इसमें इलेक्टोरल वोटों की गिनती में रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने बाजी मार ली है. वह डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार को पछाड़ चुके हैं. दोपहर एक बजे तक यह साफ हो गया कि कमला हैरिस हार चुकी हैं. उन्हें को 214 इलेक्ट्रोरल वोट प्राप्त हुए हैं. वहीं ट्रंप को 270 इलेक्टोरल वोट मिले हैं. ट्रंप ने इतिहास रच दिया है, वे अमेरिका के 47 वें राष्ट्रपति होंगे. चुनाव में जीत के लिए इलेक्टोरल वोट काफी मायने रखता है. कुल 538 इलेक्टोरल वोटों में 270 वोट पाने का अर्थ है, बहुमत पाना. आइए जानते हैं कि इलेक्टरोल वोट पाने का मतलब क्या है.
क्या है इलेक्टोरल कॉलेज
इलेक्टोरल कॉलेज दरअसल एक संस्था है, जो जनता के वोट से बनती है. इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि जनता के वोट में से अधिकारियों का एक समूह बनता है. ये इलेक्टोरल कॉलेज कहलाता है. ये इलेक्टर्स ही मिलकर राष्ट्रपति चुनते हैं. उप-राष्ट्रपति भी यही संस्था चुनती है.
#WATCH | West Palm Beach, Florida | Donald Trump says, "This is a great job. There is no job like this. This is the most important job in the world...Nothing will stop me from keeping my word to you..."#USElection2024
— ANI (@ANI) November 6, 2024
(Video source: Reuters) pic.twitter.com/wRo1IMsz3Z
इलेक्टोरल कॉलेज किस तरह से काम करता है
इसमें कुल 538 सदस्य होते हैं. हर स्टेट की आबादी के तहत उस स्टेट के इलेक्टर्स चुने जाते हैं.अगर कोई स्टेट बड़ा है, तो उससे ज्यादा इलेक्टर चुने जाते हैं. इस तरह वे आबादी का प्रतिनिधित्व सही तरीके से कर सकते हैं. जैसे कैलिफोर्निया की आबादी अधिक है, इसलिए वह 55 इलेक्टर हैं. वहीं वॉशिंगटन डीसी में मात्र 3 ही सदस्य हैं, जो राष्ट्रपति चुनने में अहम रोल अदा करेंगे.
इस तरह से गणित लगाया जाता है
अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए 270 या उससे अधिक वोटों की आवश्यकता होती है. किसी राज्य में जो पार्टी जीतती है, सारे इलेक्टर्स उसी के हो जाते हैं. यही कारण है कि अमेरिका में सारे राज्यों पर फोकस करने की बजाए उम्मीदवार कुछ खास राज्यों पर फोकस करता है. इस तरह से अगर वह जीते तो उसकी पार्टी की इलेक्टोरल कॉलेज में उसकी सदस्य संख्या सबसे अधिक हो. ऐसे में वे राष्ट्रपति पद के बेहद करीब होता है.
लोकप्रियता जीत की वजह नहीं
यहां पर ज्यादा लोकप्रिय होना जीत की वजह नहीं होती है. अगर उम्मीदवार को इलेक्टोरल कॉलेज में 270 वोट नहीं प्राप्त होते हैं तो हार तय मानी जाती है. बीते चुनाव में ऐसा हुआ था. हिलेरी को वोटर्स से बेहद प्यार मिला, मगर वह जीत नहीं सकी थीं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में बीते पांच चुनावों में इस तरह ट्रेंड जारी है.
क्या हैं स्विंग स्टेट
स्विंग स्टेट क्या होता है. यह राज्य ऐसे होते हैं जहां किसी एक पार्टी का गढ़ रही होता है. यहां पर मत बदलते रहते हैं. इस बार कांटे टक्कर में इन्हीं स्टेट ने बड़ी भूमिका निभाई है. ये स्टेट जॉर्जिया, टेक्सस, ओहियो, विस्कोनिस, मिनिसोटा, मिशिगन, पेंसिलविनिया, फ्लोरिडा, एरिजोना और नेवादा हैं.