अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं. मुख्य मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच है. इस बीच ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का एक बयान सामने आया है. उन्होंने मतदाताओं को सलाह दी है. उन्होंने मतदाताओं से कहा कि आप कम शैतानी उम्मीदवार को वोट दें और राष्ट्रपति चुनें.
चार एशियाई देशों के दौरे से वापस रोम लौटते वक्त फ्रांसिस ने शुक्रवार को प्लेन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए दोनों अमेरिकी उम्मीदवारों की आलोचना की. पोप ने कहा कि वोट न देना बुरी बात है. आपको वोटिंग के दौरान सिर्फ कम बुरे व्यक्ति को चुनना होगा. कम बुरा कौन है, ट्रंप या कमला मैं नहीं जानता. हर व्यक्ति को यह जानने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करना होगा.
दोनों नेताओं के विचारों की आलोचना
इस दौरान पोप ने कहा कि दोनों उम्मीदवार ही जीवन के खिलाफ हैं. चाहें ट्रंप, जो प्रवासियों को बाहर निकालना चाहते हैं या फिर वह कमला हैरिस, जो बच्चों को गर्भ में ही मारने का समर्थन करती हैं. पोप ने कहा कि प्रवासियों को देश से निकालना गंभीर पाप है. प्रवासियों को भगाना और किसी को अच्छा जीवन जीने से रोकना ठीक नहीं है. यह नीचता है. उन्होंने अबॉर्शन को हत्या के समान माना है. उन्होंने कहा कि बच्चे को मां के गर्भ से जबरन बाहर निकालना हत्या है.
पोप फ्रांसिस पहले भी अबॉर्शन का विरोध कर चुके हैं. उन्होंने 2018 में कहा था कि किसी समस्या का हल निकालने के लिए किसी के जीवन को खत्म करना सही नहीं है. चाहे उसकी उम्र कितनी भी हो. इससे पहले 2016 में जब अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के ट्रंप के प्लान के बारे में उनसे पूछा गया था तो पोप ने कहा था कि जो किसी भी प्रवासी को खदेड़ने के लिए दीवार बनाना चाहता है, वह ईसाई नहीं हैं.
गाजा जंग पर भी की बात
पोप फ्रांसिस ने गाजा जंग के बारे पूछे गए सवाल पर कहा कि जब आप बच्चों के शव को देखते हैं या फिर जब आप सुनते हैं कि स्कूल पर बमबारी हुई है तो बहुत दुख होता है. क्योंकि यह बहुत अधिक भयानक है. उन्होंने कहा कि मुझे क्षेत्र में शांति के लिए कोई कदम उठते हुए नहीं दिख रहे हैं.