Pakistan: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल अपनी नापाक हरकतों के लिए पहचाने जाने वाले पाकिस्तान की नींद इन दिनों एक महिला ने उड़ा रखी है. इस एक महिला से पूरा पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. खुद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी इस इस महिला के नाम से सकते में आ जाते हैं. दरअसल आजादी के बाद से ही पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बलूचिस्तान में विरोध शुरू हो गया था. समय के साथ-साथ इस विरोध ने लगातार अपनी आवाज मुखर की. लेकिन इन दिनों बलूचिस्तान पूरी तरह पाकिस्तान के विरोध में खड़ा है और इस विरोध की अगुवाई कर रही हैं एक महिला. इस महिला का नाम है महरंग बलोच.
कौन है महरंग बलोच
31 वर्षीय महरंग बलोच इन दिनों पाकिस्तान की बैचेनी की कारण बनी हुई हैं. दरअसल महरंग ने पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है और ये मोर्चा वह अहिंसा के दम पर चला रही है. उनका आंदोलन बलूचिस्तान में हो रहे लोगों के अपरण के खिलाफ है. महरंग का मानना है कि ये काम पाकिस्तान के इशारे पर हो रहा है और इसी वजह से वह पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा आंदोलन चला रही हैं.
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लोगों के अपहरण और भाई के गायब होने से शुरू हुआ सबकुछ
वैसे तो बलूचिस्तान शुरू से ही पाकिस्तान को नापंसद करता आया है. लेकिन 2006 में बलूचिस्तान से लोगों के अपहरण ने इस विरोध को और हवा देने का काम किया है. 2017 में महरंग के भाई को भी किडनैप कर लिया गया. उसके अचानक गायब होने की घटना के महरंग को हिलाकर रख दिया. महरंग ने यहीं से पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
समय के साथ महरंग का आंदोलन रंग लाता गया और इसने पाकिस्तान की सियासत में भी खासी हलचलें मचा डालीं. इन दिनों शाहबाज शरीफ की सरकार भी महरंग के आंदोलन से घबराई हुई है. महरंग ने सरकार के खिलाफ अभियान चलाया और विरोध प्रदर्शन शुरू किए. 2018 में इस विरोध का ऐसा असर हुआ कि महरंग के भाई को अपहरकर्ताओं ने लौटा दिया.
इसके बाद भी महरंग की लड़ाई खत्म नहीं हुई. 2019 में बलूच यहजेहती समिति की स्थापना की गई. इसी संगठन के जरिए महरंग ने बलूचिस्तान से अपहरण हुए लोगों को वापस लाने का अभियान शुरू किया.
पाकिस्तान से मिलती रही धमकियां
पाकिस्तान से महरंग को कई बार धमकियां भी मिलीं. जान से मारने से लेकर दुष्कर्म और पता नहीं कितनी तरह के डर महरंग को दिखाने की कोशिश की गई. लेकिन महरंग की मानें तो लाशों के ढेर इतने देख लिए हैं कि उन्हें अब उन्हें किसी भी चीज का डर नहीं सताता.
मौत से डर हो गया खत्म
महरंग का मानना है कि उनका आंदोलन बहुत बड़ा है. इसके आगे किसी भी तरह के डर की कोई गुंजाइश ही नहीं है. महरंग कहती हैं कि जब से उन्होंने किडनैप हुए लोगों की वापसी का आंदोलन शुरू किया तब से ही उनका मौत को लेकर डर खत्म हो गया. उन्होंने 2011 में मुझे अपने घर वालों के क्षत-विक्षत शवों की पहचान करना पड़ी. लाशों का ढेर देख चुकी मेरी आंखों में अब मरने का डर नहीं है.
पेशे से डॉक्टर है महरंग
महरंग के बारे में एक बात जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि वह पेशे से डॉक्टर हैं. जिंदगी बचाना उनका पेशा है जिसे वह न सिर्फ अपने काम से बल्कि आंदोलन से जरिए भी अंजाम दे रही हैं. महरंग के पिता भी एक सामाजिक कार्यकर्ता थे. तीस वर्ष पहले उन्हें भी किडनैप कर लिया गया था जिसके बाद उनकी लाश ही मिली.
पाकिस्तान को सता रहा डर
महरंग की मुहिम अब रंग ला रही है. उसकी रैलियों और आंदोलन की तपिश से पाकिस्तान को भी डर लगने लगा है. महरंग को न सिर्फ बलूचिस्तानी बल्कि पाकिस्तानी आवाम भी पसंद कर रही है. उनकी रैलियों ने पाकिस्तान की शाहबाज सरकार की नींद उड़ा दी है.
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महरंग बनी लोगों की आवाज
महरंग अब बलूचिस्तान के लोगों की आवाज बन चुकी हैं. बलूचियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ उठा रही महरंग को हर महिलाओं- युवतियों समेत हर वर्ग का साथ मिल रहा है. महंरग जनसभाओं के जरिए लोगों तक अपनी बात पहुंचा रही हैं और उसके इसी कदम से पाकिस्तान की सरकार बैचेन हो गई है.