Bangladesh Crisis: शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाए जाने की कवायद जोरों से शुरू हो गई. आर्मी की निगरानी में नई सरकार के गठन की तैयारी तेज हो गई हैं. नोबल पुरुस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि, छात्र आंदोलन के प्रमुख नाहिद इस्लाम ने मोहम्मूद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाए जाने का प्रस्ताव दिया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि मोहम्मद युनूस कौन हैं.
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक आंदोलन इतनी उग्रता से फैला कि शेख हसीना का राज उसकी भेंट चढ़ गया. उन्होंने 20 सालों तक मजबूत पकड़ के साथ बांग्लादेश पर शासन किया था, लेकिन देश में आरक्षण की ऐसी आग लगी, जिसे शेख हसीना काबू करने में असफल रहीं. 8 महीने पहले ही की बात है जब शेख हसीना ने चुनाव जीतकर बांग्लादेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. मगर अब उन्हें सत्ता और देश दोनों छोड़ने को मजबूर होना पड़ा. आइए जानते हैं कि बांग्लादेश में कैसे और कब हिंसा की शुरुआत हुई.
बांग्लादेश में हिंसा की टाइमलाइन (Bangladesh Crisis Timeline)
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बांग्लादेश में जून के आखिर में आरक्षण विरोधी आंदोलन शुरू हुआ, जिसमें हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे.
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15 जुलाई को ढाका यूनिवर्सिटी में हिंसक झड़प हुई, जिसमें 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
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16 जुलाई को बांग्लादेश में फिर हिंसा हुई, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई. साथ ही कुछ अन्य लोगों के घायल होने की भी खबर आई.
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17 जुलाई तक बांग्लादेश में हिंसा का दायरा कई शहरों तक फैलता चला गया. इसके बाद हिंसा रोकने के लिए अर्ध सैनिक बलों ने मोर्चा संभाला.
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अगले दिन यानी 18 जुलाई को हुई हिंसा में 19 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 19 जुलाई को हिंसा में 67 लोगों की जान चली गई.
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4 और 5 अगस्त को इन हिंसक घटनाओं ने विकराल रूप ले लिया. वहां अब तक 130 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है.
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इसके बाद बांग्लादेश में हालात इतने बिगड़े की शेख हसीना के प्रधानमंत्री आवास में प्रदर्शन घुस गए.
हसीना को क्यों गंवानी पड़ी कुर्सी?
बिगड़ते हालातों के बीच शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. उनको आरक्षण आंदोलन को सही तरह से हैंडल नहीं करने और आर्मी का साथ नहीं मिलने की वजह से अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. अभी वो भारत में हैं. उनके लंदन में राजनीतिक शरण लेने की उम्मीदे हैं. वहीं सत्ता को अपने हाथों में ले चुके आर्मी चीफ वकार-उज-जमान अंतरिम सरकार की गठन की तैयारियों में जुट गए हैं. इस बीच, मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनने का प्रबल दावेदार बताया जा रहा है.
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कौन हैं मोहम्मद यूनुस? (Muhammad yunus Profile)
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मोहम्मद यूनुस को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का विरोधी माना जाता है. उन्होंने देश में हो रहे छात्र आंदोलन को जायज ठहराया.
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यूनुस ने बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी. गरीबी विरोधी अभियान के लिए उन्हें 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था.
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यूनुस को ये अवॉर्ड ग्रामीण बैंक के जरिए गरीबी उन्मूलन चलाने के लिए दिया गया था. इसके बाद ग्लोबल लेवल पर उनको पहचान मिली.
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बांग्लादेश में मोहम्मग यूनुस को गरीबों का मसीहा माना जाता है, गरीबों को बेहतर जिंदगी मिले, इसके लिए उनकी कोशिशें काबिले तारीफ हैं.