खुलेआम परणामु बम की क्यों धमकी दे रहा मुनीर, कहीं ये वजह तो नहीं

Asim Munir Nuclear Threat: पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं. इस बार उन्होंने अमेरिका की धरती से भारत के खिलाफ परमाणु हमले की अप्रत्यक्ष धमकी दी है

Asim Munir Nuclear Threat: पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं. इस बार उन्होंने अमेरिका की धरती से भारत के खिलाफ परमाणु हमले की अप्रत्यक्ष धमकी दी है

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Dheeraj Sharma
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Asim Munir nuclear threats

Asim Munir Nuclear Threat:पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं. इस बार उन्होंने अमेरिका की धरती से भारत के खिलाफ परमाणु हमले की अप्रत्यक्ष धमकी दी है, जिसने दक्षिण एशिया की शांति को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह बयान न केवल पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदाराना परमाणु नीति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरे की घंटी है. आखिर असीम मुनीर के इस तरह खुलेआम परमाणु धमकी देने के पीछे क्या कारण हो सकता है. क्यों मुनीर इस तरह की धमकी दे रहा है. 

परमाणु धमकी के पीछे कहीं ये वजह तो नहीं?

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जब भारत और पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध जैसी स्थिति नहीं है, तब अमेरिका में बैठकर भारत को परमाणु युद्ध की धमकी देना साफ तौर पर राजनीतिक चाल का हिस्सा लगता है. ऐसा लगता है कि मुनीर अपनी सेना की ताकत और परमाणु हथियारों की धौंस दिखाकर अमेरिका और वैश्विक मंच पर सत्ता का प्रदर्शन करना चाहते हैं.  यह कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान का परमाणु एजेंडा विवादों में है. डॉ. अब्दुल कदीर खान का नाम अब भी परमाणु प्रसार के सबसे बड़े स्कैंडल से जुड़ा हुआ है. उनके नेटवर्क ने ईरान, लीबिया और उत्तर कोरिया जैसे देशों को गोपनीय रूप से परमाणु तकनीक प्रदान की थी.  ऐसे में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का गैर-सुरक्षित हाथों में जाना वैश्विक चिंता का विषय है. 

सेना के हाथों में परमाणु बटन, लोकतंत्र पर खतरा

पाकिस्तान में असली सत्ता हमेशा से सेना के हाथ में रही है. यही कारण है कि वहां के आर्मी चीफ खुलेआम राजनीतिक और सामरिक फैसले लेते हैं, जैसे वे देश के निर्वाचित नेता हों. मुनीर का यह बयान दिखाता है कि पाकिस्तान की सेना परमाणु बटन की मालिक है, न कि देश की जनता के प्रतिनिधि. 

अमेरिकी चुप्पी और दोहरे मापदंड

यह भी सवाल उठता है कि क्या अमेरिका ऐसे भड़काऊ बयानों पर पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराएगा? पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप और वर्तमान अमेरिकी प्रशासन बार-बार परमाणु युद्ध से बचाव की बात करते हैं, लेकिन जब पाकिस्तान जैसा देश उनके देश में बैठकर धमकी देता है, तो कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आती.  

मुनीर का पहले दिया गया बयान कि "हिंदू और मुसलमान साथ नहीं रह सकते", बेहद खतरनाक सोच को दर्शाता है. इसके बाद पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, जिसमें लोगों की धार्मिक पहचान पूछकर गोली मारी गई, इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान की सेना आतंकी घटनाओं की भूमिका गढ़ने में भी संलिप्त हो सकती है. 

यह भी पढ़ें - 'हम हिन्दुओं से बिल्कुल अलग', पाकिस्तानी सेना चीफ असीम मुनीर ने भारत और हिंदुओं पर फिर साधा निशाना

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