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विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट, 10.74 अरब घटकर 700 बिलियन डॉलर हुआ फॉरेक्स रिजर्व

Foreign Exchange Reserves: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को विदेशी मुद्रा भंडार का डेटा जारी किया. ताजा रिकॉर्ड के मुताबिक, भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई.

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Suhel Khan
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट (File Photo)

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Foreign Exchange Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर से गिरावट दर्ज की गई. बताया जा रहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में ये गिरावट विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली के चलते आई है. 11 अक्टूबर 2024 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 10.74 बिलियन डॉलर कम हो गया. इसके बाद ये गिरकर 700 बिलियन डॉलर से नीचे पहुंचकर 690 बिलियन डॉलर पर आ गया. बता दें कि इसके पहले हफ्ते में फॉरेक्स रिजर्व 701.176 बिलियन डॉलर रहा था. जबकि 4 अक्टूबर को फॉरेक्स रिजर्व ने 704.88 बिलियन डॉलर के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया था.

RBI ने जारी किया डेटा

बता दें कि शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने फॉरेक्स रिजर्व का डेटा जारी किया है. जिसके मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार 10.74 बिलियन घटकर 690.43 अरब डॉलर पर आ गया. वहीं फॉरेन करेंसी एसेट्स में भी 10.54 बिलियन डॉलर की कटौती दर्ज की गई. उसके बाद ये कम होकर 602.210 बिलियन डॉलर हो गया.

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गोल्ड रिजर्व में भी आई कमी

इसके साथ ही आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में भी गिरावट दर्ज की गई. आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में 98 मिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई. इसके बाद ये गिरकर 65.65 बिलियन डॉलर हो गया. जबकि एसडीआर 86 मिलियन डॉलर की कमी के साथ 18.33 बिलियन डॉलर हो गया. जबकि इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड में जमा रिजर्व 20 मिलियन डॉलर कम होकर 4.33 बिलियन डॉलर पर आ गया है.

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क्यों आई विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट

बता दें कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट की वजह विदेशी निवेशकों की भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली है. दरअसल, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से अपना पैसा निकालकर चीन में निवेश कर दिया है. जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखने मिल रहा है. आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अक्टूबर महीने के पहले 15 दिनों में 66,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की.

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इस बिकवाली के बावजूद बैंक ऑफ अमेरिका ने अपने रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2026 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 746 बिलियन डॉलर पहुंच जाएगा. इसके बाद आरबीआई को रुपये में कमजोरी को थामने में भी मदद मिलेगी. बता दें कि एफपीआई के बिकवाली के चलते ही डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर बना हुआ है और अभी भी इसमें गिरावट बनी हुई है. अभी भी एक डॉलर के मुकाबले रुपया 84 रुपये के लेवल के नीचे 84.07 पर ट्रेड कर रहा है.

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