Quad Summit 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के गृहनगर डेलावेयर में आयोजित हुए क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के राष्ट्राध्यक्ष ने भाग लिया. क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध और आतंकवाद से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके साथ ही क्वाड नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया. जिसमें आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की. इसमें सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा भी शामिल है.
पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने की सम्मेलन में शिरकत
शनिवार को हुए क्वाड सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री, एंथनी अल्बानीज़ और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शिरकत की. इस दौरान सभी नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर दक्षिण चीन सागर में डराने वाले युद्धाभ्यास, अन्य देशों की अपतटीय संसाधन शोषण गतिविधियों को बाधित करने की कोशिशों का भी विरोध किया. इसके साथ ही उन्होंने पुष्टि की कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें: दिल्ली-उत्तर प्रदेशों में आज भी होगी बारिश, मौसम विभाग ने बताया कहां होगी भारी बरसात
क्वाड नेताओं ने जारी किया संयुक्त बयान
संयुक्त बयान में आगे कहा गया कि, हम ऐसे आतंकवादी हमलों के अपराधियों के लिए जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बयान में कहा गया कि हम मुंबई और पठानकोट और 26/11 के हमलों समेत सभी आतंकवादी हमलों की निंदा करते हैं, और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा उचित रूप से नामित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं.
दक्षिणी चीन सागर की स्थिति पर जताई चिंता
क्वाड नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि, "हम पूर्व और दक्षिण चीन सागर की स्थिति के बारे में गंभीर रूप से चिंतित हैं. हम विवादित विशेषताओं के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती और डराने वाले युद्धाभ्यास के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करना जारी रखते हैं. हम तटरक्षक बल के खतरनाक उपयोग की निंदा करते हैं और अन्य देशों की अपतटीय संसाधन शोषण गतिविधियों को बाधित करने के प्रयासों का भी विरोध करते हैं." क्वाड नेताओं ने अपने बयान में कहा कि हम पुष्टि करते हैं कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए, जैसा कि यूएनसीएलओएस में दर्शाया गया है.
ये भी पढ़ें: IND vs BAN: बारिश बिगाड़ सकती है चौथे दिन का खेल? यहां देखें चेन्नई के मौसम की लेटेस्ट अपडेट
समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता की पहल
इसके साथ ही क्वाड नेताओं ने जोर देकर कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि समुद्री क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, सुरक्षा और स्थिरता के रखरखाव के साथ-साथ संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान समेत अंतरराष्ट्रीय कानून को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाना चाहिए. संयुक्त बयान में कहा गया कि, "हम अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के महत्व पर जोर देते हैं, विशेष रूप से जैसा कि समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) में दर्शाया गया है, जिससे समुद्री दावों के संबंध में वैश्विक समुद्री नियम-आधारित व्यवस्था की चुनौतियों का समाधान किया जा सके."
क्वाड नेताओ ने अपने बयान में कहा कि, "हम यूएनसीएलओएस के सार्वभौमिक और एकीकृत चरित्र पर फिर से जोर देते हैं और पुष्टि करते हैं कि यूएनसीएलओएस कानूनी ढांचा निर्धारित करता है जिसके भीतर महासागरों और समुद्रों में सभी गतिविधियां की जानी चाहिए."