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लोकसभा चुनाव

UK Election: ब्रिटेन में बढ़ सकता है भारतीय मूल के सांसदों का दबदबा, इन सीटों पर खड़े हुए भारतवंशी उम्मीदवार

ब्रिटिश आम चुनावों में भारतीय सासंदों का दबदबा बढ़ सकता है. ब्रिटिश थिंकटैंक ने अपनी समीक्षा में ऐसा दावा किया है.

Updated on: 04 Jul 2024, 12:58 PM

लंदन:

ब्रिटेन में होने वाले आम चुनावों में इस बार भारतीय मूल के सांसदों का दबदबा बढ़ सकता है. एक रिपोर्ट की मानें तो बड़ी संख्या में भारतीय मूल के सांसद इस बार जीत सकते हैं. ब्रिटेन की नई संसद अपने इतिहास की सबसे विविधपूर्ण संसद हो सकती है, जिसमें अल्पसंख्यक वर्गों को भरपूर प्रतिनिधित्व मिल सकता है. सबसे अधिक अल्पसंख्यक सांसद लेबर पार्टी से हो सकते हैं. बता दें, चुनाव से पहले आए सभी सर्वों में सुनक और उनकी कंजर्वेटिव पार्टी पिछड़ रही है तो वहीं विपक्षी सर कीर स्टार्मर और लेबर पार्टी को बहुमत मिलता दिख रहा है. 

ब्रिटेन के फ्यूचर थिंक टैंक की समीक्षा में दावा किया जा रहा है कि नई संसद में 14 प्रतिशत सांसद अल्पसंख्यक समुदाय से होंगे. पिछले चुनाव में 15 भारतीय मूल के सांसदों ने जीत हासिल की थी. पिछली बार जीते कई सांसद इस बार भी चुनावी मैदान में उतरे हैं. हालांकि, कंजर्वेटिव के आलोक शर्मा और लेबर के विरेंद्र शर्मा इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे। ब्रिटेन की इलिंग साउथहॉल संसदीय सीट पर बड़ी संख्या में पंजाबी मूल के मतदाता रहते हैं। इलिंग साउथहॉल सीट से भारतीय मूल के दो उम्मीदवार- संगीत कौर और जगिंदर सिंह निर्दलीय रूप से चुनावी मैदान में उतरे हैं. इसी सीट से लेबर पार्टी के टिकट पर प्रफुल नरगुंड भी चुनाव लड़ रहे हैं.

भारतीय मूल के वोटर भी सुनक का साथ नहीं दे रहे
एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, कंजर्वेटिव पार्टी को आम चुनावों में भारतीय वोटरों का भी साथ नहीं मिल रहा है. करीब 65 प्रतिशत भारतीय मूल के वोटर कंजर्वेटिव के खिलाफ खड़े हैं. इस बार करीब 25 लाख भारतीय मूल के वोटर वोट देंगे. सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के लिए भारतीय मूल के वोटरों में गुस्सा है. विपक्षी लेबर पार्टी को इस बार भारतीय मूल के लोगों का समर्थन मिल रहा है. 

15 सीटों पर भारतीय मूल का सदस्य ही जीत रहा चुनाव
ब्रिटेन की संसद में 650 सीटें हैं. इनमें से 50 सीटों पर भारती मूल के वोटर ही हार-जीत तय करते हैं. 50 में से 15 सीटें तो ऐसी हैं, जहां भारतीय मूल का उम्मीदवार ही दो चुनावों से जीत दर्ज करता आ रहा है. 15 में से 12 सीटें अभी कंजर्वेटिव के पास ही है. ब्रिटिश मीडिया की मानें तो भारतीयों का कहना है कि अपने 1.5 साल के कार्यकाल में सुनक ने भारतीयों के लिए कुछ खास काम नहीं किया है. उनका कहना है कि सुनक सरकार में वीजा नियमों को और अधिक सख्त कर दिए गए हैं. पार्टी के रणनीतिकारों को लग रहा था कि सुनक के कारण भारतीय वोटर कंजर्वेटिव को वोट देंगे. हालांकि, ऐसा लग रहा है कि उनकी रणनीति गलत हो सकती है.

ऋषि सुनक की अपील
आज चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है. ऐसे में सत्ता और विपक्ष ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. प्रधानमंत्री ऋषि सुनक कंजर्वेटिव पार्टी का समर्थन जुटाने में जुटे हैं. मतदाताओं के नाम उन्होंने अंतिम दिन एक वीडियो जारी की. वीडियो में उन्होंने कहा कि अगर लेबर पार्टी सत्ता में आती है तो वह टैक्स को बढ़ाएगी. अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर उन्होंने कहा कि हमें लेबर पार्टी के बहुमत को रोकना है. यह आवश्यक है. वे आपके करों को बढ़ा देंगे. इसका एकमात्र तरीका है कि आप कल मतदान बूथ पर जाएं और कंजर्वेटिव पार्टी को वोट दें.